मैने कहीं पढ़ा है कि जब आप छोटे बच्चों की सरहाना करते हैं तो, यह उन्हे स्वयं को महत्वपूर्ण होने का विश्वास देता है और उन्हे चीज़ों को अच्छी प्रकार से करने के लिए प्रोत्साहित करता है.
कई बार मैं इसी उधेड़ बुन में होती हूँ कि मैं अपने बेटे को याद दिलाऊं कि उसने कई काम अभी तक नहीं किए हैं. जैसे कि अपना बिस्तर नहीं बनाया है, होमवर्क नहीं किया है,मेरा मतलब है कि मैं यहाँ ऐसी कई बातों को सोच सकती हूँ. बस बात का मूल यही है.उन्मे छुपी हुई अच्छाइयों को उन्हें बताना है कि वह भी चीज़ों को सही प्रकार से कर सकते हैं
अक्सर ऐसा होता है किजब बड़े बात कर रहे होते हैं तो बच्चों को चुप रहने के लिए बोला जाता है. आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यूँ होता है?यह उनका तरीका है बातचीत में भाग लेने का या योगदान करने का. इसलिए योगदान करने के लिए उनकी मदद करिए.”टेबल साफ करने में क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो” या “हम इस नई पैंटिंग को कहाँ लगा सकते हैं?” ये सारे अच्छे तरीके हैं काम करवाने के साथ साथ रोज़ाना के कामों में उनकी हिस्सेदारी के. हमेशा यह कहकर उत्साहित करते रहें कि”मैं तुम्हारे योगदान से सच में खुश हूँ” और “तुम्हारा आइडिया मुझे पसंद आया है.”
कभी कभी,जब बच्चा आपकी इच्छानुसार व्यवहार करता है तो उसे इनाम देने की भी आवश्यकता होती है. आप उन्हे सर्प्राइज़ दे सकतीं हैं जैसे, १० मिनिट ज़्यादा टीवी या उनकी पसंद का कुछ मीठा व्यंजन.
अभिभावक, एक धिक्कार को कम करने के लिए बहुत सारी प्रशंसा की आवश्यकता होती हैं. मैं यह नहीं कहती कि-बिना बात ही उनकी प्रशंसा करते रहिए. बहुत से दिन ऐसे भी होते हैं जबकि मुझे कोई कारण नज़र नहीं आता है अपने बेटे की तारीफ करने का; जब वह बहुत नखरीला,बदमाश और उत्पाती होता है. तब मैंउसे कहती हूँ- जैसे भी तुम हो उसके लिए धन्यवाद. और वह सिर्फ़ मुस्कुरा देता है.
WHAT DO YOU THINK?