अपने बच्चे को स्कूल में सफल होने में सहायता करें

Mumpa

सफलता का मतलब सिर्फ़ ए’ ग्रेड लाना ही नहीं होता है. और इसलिए शिक्षा सिर्फ़ अकादमिक नहीं होती है. इस महीने जबकि बच्चों को वापस स्कूल जाना है,यहाँ पर हम ये बता रहें हैं कि बच्चों की इस यात्रा को किस तरह से सफल बनाने में मदद की जा सकती.

अभीभावक के रूप मैं, आप अपने बच्चे के प्रथम और सबसे महत्वपूर्ण शिक्षक हैं, इसलिए आपके लिए भी यह ज़रूरी है कि अपने बच्चे का भविष्या संवारने में उसका भरपूर सहयोग करें. यहाँ पर आप लोगों को कुछ आइडियास बताए जा रहें हैं, जिससे आप बच्चे से अपनी अमूल्य सहयोगिता बढ़ा कर उसे स्कूल में सफल बना सकें.

– मुखर वार्तालाप करना- इससे अच्छा और कुछ नहीं हो सकता कि आप अपने बच्चे से सारे दिन के बाद उसके स्कूल और दिन के बारे में पता करें. बच्चे को मुखर प्रश्नों का उत्तर देने के लिए प्रोत्साहित करें, जैसे- “आज दिन का कौन सा समय तुम्हारे लिए सबसे अच्छा था”?या “दिन में कौन सा भाग अच्छा नहीं बीता”?.
– क़िताबें…क़िताबें- मुझे समझ नहीं आता कि मैं किस तरह से अपने माँ बाप का धन्यवाद करूँ किउन्होने मुझे और मेरी बहन को पढ़ने की आदत डलवाई. अपने बच्चे को रोज़ 10 या 15 मिनिट्स पढ़ने की आदत डलवाए. इससे बच्चों के ध्यान और समझ में वृद्धि होती है.
. उनके सवालों का जवाब दीजिए- बच्चे हमेशा कुछ जानने को उत्सुक रहते हैं. और तुरंत ही उत्तर जानने को अधीर रहते हैन. उनके सवालों का जवाब विद्वता और पूरी समझ से दीजिए. यदि आपको उत्तर नहीं जानते हैं तो लीपापोती मत करिए. टेक्नॉलजी/ किताबों का उपयोग केरके पहले अपना ज्ञान बढ़ाएँ फिर उनके प्रश्नों का उत्तर दीजिए.

शिक्षा और सहपाठ्यक्रम क्रियाओं का समन्वय बनाइए- अपने बच्चे को बहुत ज़्यादा सह पाठ्यक्रम क्रियाओं से मत लादिए. शिक्षाक्रम और शौक के बीच में सही समन्वाए बनाइए. इससे उनके समय का सही उपयोग और उन्हे अनुशासित केरने में मदद मिलगी.
. शिक्षकों से सहयोग- बच्चे की स्कूल में प्रगति को जानना अति आवश्यक होता है. और ये समय समय पेर होते रहना चाहिए. अपने बच्चों से ऐसे सवाल पूछिए जिससे उनका सामाजिक और भावत्मक विकास हो सके.जिन चीज़ों में आपके बच्चे की क्षमता कमज़ोर है उन एक्सट्रा क्लासस के बारे में बात करिए. एक साथ मिलकर काम करिए जिससे ऐसे विषयों पर अनावश्यक चिंता ना करनी पड़े.

मूल क्षमताओं पर ध्यान दें-जब हमारे बच्चे बड़े हो रहें होते हैं तो अभिभावक के रूप में हम मानवता, मृदुभाषी होना और आदर करना जैसी मूल क्षमताओं को भूल जाते हैं. हमेशा बच्चों की इन क्षमताओं को बड़ाने में मदद करें, ये सभी बहुत दूर तक साथ निभाती हैं.


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