उँगलियों से चम्मच तक : चम्मच का उपयोग सीखना

Mumpa

अल्लादीन के चिराग़ की तरह एक दिन  मेरे बच्चे ने मेरे हाथ में चम्मच को खोज लिया, जब कि वो रोज़ाना इसी से खाना खा रहा था! अचानक ही आत्मनिर्भर विचाारक ने ये सोच लिया कि अब वह एक बड़ा लड़का है और वह अब माँ के हाथ से खाना नहीं खाएगा. घबराकर मैने उसके हाथ से चम्मच खींच लिया जो कि ठीक नहीं था वह गुस्सा था, ज़िद्द उसके चेहरे से टपक रही थी. जब तक मैने उसे चम्मच से खेलने नहीं दिया उसने दूसरा नीवाला लेने से इनकार कर दिया था. बच्चे और गंदगी के बीच में फँसी, मैं जानती थी कि वह यह कर लेगा और जैसे ही यह विचार मेरे  मन में आया, मेरे भीतर का रचनात्मक कलाकार जाग उठा.

खरीदारी: एक पॅक पहली बार उपयोग होने वाले चम्मच, वॅक्यूम तले वाले  बोवल /प्लेट्स और अन्य उपयोगी सामान.

चिपचिपे पदार्थ भी उपयोगी होते हैं: हालाँकि यह सुनने में स्वादिष्ट नहीं लगते हैं फिर भी चिपचिपेचावल,गाड़ा दही और पॉरिड्ज बहुत अच्छे शुरुआती खाने होते हैं. हालाँकि वो चम्मच से खाना उठानानहीं जानता था,फिर भी वो चम्मच डुबो के जो भी खाना चिपक के आ जाता था, वही चाट लेता था.

गंदगी अच्छी होती है: यह मेरा नया मंतरा था, यदि मुझे उंगलियों से चम्मच तक की यात्रा पूरी करनीथी.वो दोनो हाथों का इस्तेमाल करता था, वो दूसरे सिरे से चम्मच पकड़कर कटोरी का सारा खाना ज़मीनपर गिरा देता था. पर जैसा की कहा जाता है की आप ग़लतियों से ही सीखते हैं.

खाने का समय खेलने का समय है: हमारे खास खाने के समय में होता था ‘बाँटो और खाओ’ जहाँ वो मुझेदो तीन बार खिलाता था जिससे की वो थोड़ी मदद से सही तरह से खाना सीख जाए.

सारी तय्यारी के बाद अब मेरा काम था की आराम से बैठा जाए: होशियार बच्चा चम्मच कटोरी में व्यस्तथा.


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