Home Parenting क्या छोटे और बड़े स्क्रीन्स आपके बच्चे के खेलने का अनमोल समय नष्ट कर रहें हैं?

क्या छोटे और बड़े स्क्रीन्स आपके बच्चे के खेलने का अनमोल समय नष्ट कर रहें हैं?

क्या छोटे और बड़े स्क्रीन्स आपके बच्चे के खेलने का अनमोल समय नष्ट कर रहें हैं?
क्या आपको लगता ही आपका बच्चा टीवी के सामने बहुत समय गुज़ारता है? क्या आप परेशान हैं कि आपका बच्चा आपके नही बल्कि आपके फोन के साथ ज़्यादा खुश रहता है? क्या आपको लगता है की आप एक पूरा दिन बिना टीवी या फोन का सहारा लिए आपने बच्चे के साथ नही गुज़ार पाएँगे?
अगर एन सवालों का जवाब ‘हाँ’ है तो आपको और आपके बच्चे दोनो को आपने अंदर बदलाव लाने की ज़रूरत है!
स्क्रीन के सामने ज़्यादा समय बिताने का सीधा असर बच्चे के मानसिक विकास और स्वाभाव पर पड़ता है, क्योंकि वह वास्तविक दुनिया के बजाए वर्चुयल दुनिया मे ज़्यादा समय बिताता है| उस दुनिया में घास हमेशा हरी है, सारे पेड़ एक आकर के हैं, सब कुछ चमकीला है, बिल्कुल परियों के शहर जैसा! जबकि हमारे वास्तविक जीवन मे कुछ उजला, कुछ मैला, कुछ अच्छा तो कुछ बुरा है|
ये बहुत ज़रूरी है की बच्चा दूसरे लोगों के साथ बात-चीत करे, अपने हम-उम्र के साथ खेले, क्योंकि ऐसा करने से बच्चा सिर्फ़ खेल खेलना नही सीखता, बल्कि बहुत सारी छोटी-बड़ी सामाजिक बातें भी सीखता है| तो रील नही उससे रियल दुनिया मे रहने के लिए प्रोत्साहित करें.
चलिए शुरुआत करें कुछ सरल, कुछ कठिन चीज़ों से, जिससे आप आपने बच्चे को स्क्रीन से दूर रख पाएँगे:
शुरुआत खुद से करें:
1. आप आपने बच्चे के सब से बड़े रोल मॉडेल हैं| इस बात को आप कभी भी ना भूलें क़ी वो आपका अनुसरण करते है| खुद को डिसिप्लिन करना शायद सब से ज़्यादा मुश्किल हो, मगर ये सब से ज़रूरी है की आप खुद ज़्यादा समय टीवी/मोबाइल पर ना बितायें| अगर कुछ प्रोग्राम देखना ही है, तो एस बात की गांठ बाँध लें की वो एक निर्धारित समय पर ही देखा जाएगा|
बच्चो को भी समझायें कि टीवी पर सारे नही, बल्कि कुछ या कोई एक प्रोग्राम ही देखने को दिया जाएगा| और देर सबेर वो समझ जाएँगे|
2. आपने फोन से वीडियो के ऐप डिलीट कर दें और वेबसाइट्स जिसपे बच्चे ज़्यादा समय बिताते हों, उसे फोन पर ब्लॉक कर दें| एस आपको थोड़ी असुविधा हो सकती है, मगर ये करना ज़रूरी है| ऐसा करने से बच्चे की आपके फोन से तुरंत ख़त्म हो जाएगी|

3. बाहर खेलने जाने का समय निर्धारित करें और नियमानुसार रोज़ उन्हे पार्क मे खेलने ले जाए| फुटबॉल, बॉल बात एत्यादि बच्चे के उम्र के अनुसार उनके साथ पार्क मे खेले, घर की च्चत पर खेले, मैदान मे खेले. ऐसा करने से आपको भी घर का काम काज से थोड़ी देर के लिए छुटकारा मिलेगा और बच्ची के साथ समय बिताने का मौका!
4. सोने के कमरे मे टीवी ना लगाए:
ऐसा करने से इंसान बिना ज़्यादा सोचे, सोने के समय पर टीवी ‘ऑन’ कर देता है, जिससे हम आराम करने का बहुमूल्य समय टीवी देख कर व्यर्थ कर देते हैं| टीवी आपने लिविंग रूम/डाइनिंग रूम मे रखें जिससे की आप उसको एक समय पर बंद कर के विश्राम करने चलें जायें|
आप ऐसी बहुत सारी छोटी-बड़ी तर्कीब लगा कर आपने बच्चे का मान बहला सकते हैं| अगर वो टीवी/मोबाइल छोड़ कर कुछ खेलतें हैं, किताब पढ़ते हैं, तो याद रखें उन्हे सराहें और उनकी पसंद कि कोई चीज़ उन्हे ला कर दे या बना कर खिलायें| छोटी सराहना, थोड़ा प्रोत्साहन, उन्हे और अच्छा करने के लिए एवं आपकी बात मानने के लिए प्रोत्साहित करेगा|

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