स्तन-पान कराने वाली माँ के लिए उपयुक्त भोजन

स्तन-पान कराने वाली माँ के लिए उपयुक्त भोजन

अक्सर प्रसव के बाद नयी माँ अपनी सास या माँ से यह ज़रूर सुनती है की वह जो कुछ भी खाती–पीती है उसका सीधा प्रभाव नवजात शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ता है | जन्म के पहले छः माह तक माँ का दूध ही बच्चे को पूर्ण पौशण देता है | इसमे एंटीबॉडी होती है जो बच्चे को रोग से लड़ने की ताक़त देता है और प्रतिरक्षक को मज़बूत बनता है | यह बच्चे को बीमारियो से भी बचाता है | यहा कुछ नुस्खे है ऐसी माँ के लिए जिससे वह स्तन्यस्त्रावण (स्तन मे दूध का उत्पाद) बढ़ा सके, अपने  दैनिक भोजन में इन चीज़ो को शामिल कर कर :-

**जीरा के दाने** : मेरी माँ जीरे के दानो को भुन कर पीस लेती थी, और फिर उन्हे दाल और सब्ज़ियो मे मिला देती थी. यह बदहज़मी को भी कम करता है |

** सौंफ के दाने** : बहुत सी महिलाए सौंफ के गर्म पानी को भोजन के साथ, अपने पेट को आराम देने और स्तन्यस्त्रावण के लिए पीती है

** दूध ** : दिन में दो बार दूध पिए|

** दाल और सब्ज़ियाँ**: पालक, मेथी , गाजर, स्तन्यस्त्रावण के लिए बहुत कार्यशील होती है | दाल प्रोटीन और फाइबर से युक्त होती है जो की माँ के लिए आवश्यक है |

**ड्राइ फ्रूट्स और मेवे** : खजूर, अंजीर, आँखरौट, बादाम, पिसता और खूबानी पोषण के अच्छे स्त्रोत है|

**धनिया ** सब्ज़ियो और डाल पर ताज़ी धनिया पत्तियों को डाले | इससे ना की सिर्फ़ स्वाद बढ़ता है बल्कि स्तन्यस्त्रावण भी बढ़ता है|

** गोश्त और पोल्ट्री उत्पाद** अंडा, मुर्गी का गोश्त प्रोटीन के स्त्रोत है, अपने भोजन में उबले हुए अंडे और मुर्गी का गोश्त शामिल करें|

याद रखें, एक माँ का आहार पौष्टिक और संतुलित होना चाहिए जिससे स्तन के दूध की मात्रा बढ़ती रहे | अपने शरीर और मन को आराम देने के लिए व्यायाम करें | शिशु को स्तनपान करते वक़्त उसे जाने, यह एक विशेष समय है |

अंत मे बस यह ध्यान रखें की अपनी माँ और सास की बातों को माने | घरेलू नुस्खे अक्सर आधुनिक उपचार से भी बेहतर हो सकते है |


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